कीक्ली रिपोर्टर, 1 दिसम्बर, 2017, शिमला
एडस को रोकने के लिए जागरूकता पैदा करना तथा लोगों को शिक्षित कर एडस से जुड़े मिथ को दूर करना ही विश्व एडस दिवस का मूल उद्देश्य है। यह जानकारी आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीरज मित्तल ने हिमाचल प्रदेश वोलंटरी हैल्थ एसोसएिशन (एचपीवीएचए) द्वारा विश्व एडस दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लक्कड़-बाजार ईद गाह कालौनी में दी।
उन्होंने बताया कि एचआईवी अथवा एडस से जुड़े कारणों के प्रति जागरूकता प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है, जिसमें विशेष रूप से असुरक्षित यौन संबंध, दूषित सुई का उपयोग और बिना जांच खून का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकारी स्तर पर समय-समय पर इस संबंध में शिविर और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं तथा लोगों को जानकारी और जागरूकता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि एचपीवीएचए द्वारा संचालित केयर एंड सपोर्ट सेंटर और टारगेट इंटरविन्शन प्रोजेक्ट द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि केयर एंड सपोर्ट सेंटर का मुख्य उद्देश्य एचआईवी अथवा एडस के साथ जी रहे लोगों के मनोबल को बढ़ाना तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है।
इस कार्यक्रम में टारगेट इटंरन्शिन प्रोजेक्ट के कार्यकर्ताओं द्वारा एचआईवी व एडस के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। लोक नाट्य करियाला के माध्यम से तथा गीत संगीत पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत कर एडस और एचआईवी के प्रति लोगों को जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर एचपीवीएचए के कार्यकारी निदेशक एनके शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा एचपीवीएचए द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं व जागरूकता संबंधी किए जा रहे कार्यों के प्रति जानकारी दी।
इस अवसर पर एचपीवीएचए के कार्यक्रम अधिकारी रमेश बदरेल, एसएमओ डाॅ. विनय भारती, टारगेट इन्टरविन्शन प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण कुमार और सुनेहा ठाकुर, मुसलिम सुधार समिति के अध्यक्ष व प्रधान ईद गाह कालौनी महौम्मद जमील सिद्दकी भी उपस्थित थे।