SHEMROCK Roses Playschool

SHEMROCK Roses Playschoolकीक्ली रिपोर्टर, 13 मई, 2018, शिमला

शैमरॉक रोजेंस स्कूल ने शोघी के पास स्थित पार्क वुड में मदर डे बड़ी धूम के साथ मनाया। स्कूल की प्रधानाचार्य प्रीति चुट्टानी ने बताया कि मदर डे का प्रारंभिक इतिहास प्राचीन यूनान में मनाये जाने वाले त्यौहार प्राचीन वार्षिक वसंत त्यौहार  में देखा जाता है, जो की मातृदेवी को समर्पित था। यूनानी पौराणिक कथाओ के अनुसार कई देवी देवताओ की माता थी को सम्मानित करते थे।

SHEMROCK Roses Playschoolशुरुआती ईसाईयों ने लेंट के चौथे रविवार के त्यौहार के दौरान (ईसा मसीह की माता) को सम्मानित करके मदर डे मनाया इंग्लैंड में सभी माताओं को इसमें शामिल कर लिया गया।  मदर डे का इतिहास 1600 इसवी में इंग्लैंड में  मनाया जा रहा है।   माताओं को सम्मान देने के लिए वार्षिक रूप से लेंट के चौथे रविवार को मनाया जाता था। इस अवसर पर चर्च में वर्जिन मेरी   को सम्मान देने के लिए प्राथना की जाती थी, इसके बाद बच्चे अपनी माँ को उपहार और फूल देकर सम्मानित और शुक्रिया अदा करते थे। इस दौरान जो लोग अपने घरो से दूर रह रहे होते थे उन्हें प्रोत्साहित किया जाता था की वो अपनी माता के पास जाकर उन्हें सम्मान और श्रद्धांजलि दे।

उन्होंने बताया कि जूलिया वार्ड हॉवे ने सुझाव दिया की मदर डे को 2 जून को वार्षिक रूप से मनाना चाहिए, जो की शांति के नाम समर्पित होना चाहिए। उन्होंने इस दिन आधिकारिक रूप से छुट्टी की घोषणा करने के लिए भी कहा इनका यह विचार फला फुला और जिसका परिणाम आज मनाये जाने वाले मदर डे के रूप में था, जो की आज मई में मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि माताओं को उनके प्यार और सहयोग के बदले सम्मान देने का दिन है। यह भारत अमरीका चीन सहित कई देशो में मनाया जाता है। यह दिन लोगो को अवसर प्रदान करता है की वो अपनी माँ को उनको जन्म देने, उनकी सुरक्षा और देखभाल करने और पाल पोसकर बड़ा करने के लिए धन्यवाद करे। मदर डे की शुरुआत प्राचीन यूनान और रोम के समय से देखी जा सकती है।

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