कीकली रिपोर्टर, 12 सितम्बर, 2018, शिमला

सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल मुख्यातिथि जबकि विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी संयुक्त महासचिव रेखा दवे वशिष्ठ अथिति के रूप में रहीं मौजूद।

विश्व बंधुत्व दिवस पर 26 विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने विश्व बंधुत्व दिवस पर दिया शांति का संदेश, भाषण स्पर्धा में संजीव व अवन्तिका ने मारी बाजी ।

विश्व बंधुत्व दिवस विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा व भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में राजधानी के गेयटी थीयेटर में विश्व बंधुत्व दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर शांति का संदेश दिया गया । इस अवसर पर प्रदेश सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल ने कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करते हुए सभागार में मौजूद छात्र व अभिभावक वर्ग को अपने सम्बोधन में 125 वर्ष पूर्व शिकागो के कला संस्थान में धर्म संसद के दौरान स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गए अविसमरणीय वचनों को याद करते हुए कहा कि ये विवेकानंद ही थे जिन्होंने भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों ओर विशेषताओं से पूरे विश्व को अवगत करवाया । डॉ सैजल ने कहा कि यदि युवा उनके दिये गए संदेश को आत्मसात करेंगे तो न केवल युवाओं का बल्कि देश का भविष्य भी उज्ज्वल हो सकेगा ।

इसी प्रकार 1974 से विवेकानंद केन्द्रों से जुड़ कर उनके अमूल्य विचारों के प्रचार  प्रसार के लिए प्रयासरत रहीं रेखा दवे ने कहा कि आज के समय में विवेकानंद द्वारा 125 वर्ष पूर्व कहा गया एक-एक वचन सत्य सिद्ध हो रहा है । दवे ने अपने सम्बोधन में कहा कि यदि हमने अपने ग्रन्थ नहीं पढ़े, जीवन जीने के तथ्यों को नहीं पढ़ा तो हमारा जीवन निष्फल है । दवे ने कहा कि विवेकानंद द्वारा दिये गए मंत्र ‘उठो जागो और चलते रहो जब-तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो’ इस सोच पर भारत के हर युवा को चलने कि जरूरत है । दवे ने आवहान करते हुए कहा कि शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक रूप से सक्षम बनने के लिए हमें स्वामी विवेकानंद के संदेश अपने जीवन में आत्मसात करने होंगे ।

विश्व बंधुत्व दिवस इसी के साथ भाषा एवं संस्कृति विभाग संयुक्त निदेशक राकेश कोरला ने कहा शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन मे स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गए भाषण को बार-बार पढ़ने को जी चाहता है । राकेश ने कहा कि स्वामी विवेकानंद द्वारा दिये गए उनके सम्बोधन के 5 शब्दों ने भारतीय दर्शन, संस्कृति व संस्कारों से विश्व को परिचित करवा दिया था। संयुक्त निदेशक ने कहा कि सूदूर देश से आए विवेकानंद द्वारा ‘अमेरिका के मेरे भाईओं व बहनों’ सम्बोधन भारतीय संस्कार ही थे और इन संस्कारों को हरेक भारतीय द्वारा आत्मसात किए जाने कि आवश्यकता है ।

इससे पूर्व कार्यक्रम के आरंभ में अरुणाचल प्रदेश के युवा शिवम के गाए गीत ‘बनें हम राष्ट्र के योगी, करें हम ध्यान भारत का… उठा कर धर्म का झण्डा, करें उत्थान भारत का’ गीत में सभागार मे मौजूद हर व्यक्ति का स्वर मिलते ही चारों ओर गुंजायमान विश्व बंधुत्व संदेश बुलंद हो उठा तो वहीं प्रवीण द्वारा प्रस्तुत विवेकवाणी ने सभागार का वातावरण देशभक्ति से सराबोर कर डाला ।

वहीं आर. के. एम. वी की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना ने भी खूब समा बांधा व स्कूली छात्र-छात्राओं के ‘सदा विवेकानंद मयम, सुविवेक मयम सानंद मयम’ समूहगान को भी खूब वाहवाही मिली । इस के साथ ही कार्यक्रम में सभी वशिष्ठ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया ।

विश्व बंधुत्व के मौके पर राजधानी के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के करीब 24 छात्र छात्राओं द्वारा शांति के संदेश से ओत-प्रोत भाषण स्पर्धा में दमदार प्रस्तुतियाँ पेश कर वाह-वाही लूटी । तीन वर्गों में ‘उठो जागो’ विषय पर भाषा प्रतियोगिता आयोजित की गयी । प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में छोटा शिमला स्कूल के संजीव कुमार प्रथम रहे तो वहीं तारा हाल स्कूल की महिका सिंह दूसरे व चौड़ा मैदान स्कूल के पंकज ने तीसरा स्थान हासिल किया । इसी तरह वरिष्ठ वर्ग में लौरेटो पब्लिक स्कूल की अवंतिका नेगटा ने प्रथम स्थान हासिल किया तो केंद्रीय विद्यालय जतोग की हिताशा द्वितीय व ताराहाल स्कूल की अमूल्या ने तीसरा स्थान झटका । उधर कॉलेज और विश्वविदयालय स्तर के ‘यंग इंडिया’ कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें संजौली कॉलेज की गुंजन प्रथम, अक्षय सींगटा ने दूसरा जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविदयालय की विमला शर्मा ने तीसरा स्थान हासिल किया । इस अवसर पर मुख्यातिथि ने भाषण प्रतिस्पर्धा के विजेताओं को पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया । इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र शिमला शाखा प्रमुख के. के. शर्मा व शाखा की विभाग संगठक कल्पना मेहता के विशेष प्रयासों ने कार्यक्रम को सफल बनाया ।

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