शिक्षा की गुणवत्ताशिक्षा की गुणवत्ताकीक्ली रिपोर्टर, 30 मार्च, 2018, शिमला

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में शिक्षकों की अहम भूमिका है। शिक्षकों को अध्यापन कार्य मिशन के रूप में लेना चाहिए, ताकि भावी पीढ़ियों में नैतिक मूल्यों का संचार हो। यह बात आज शिक्षा, विधि व संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी में आयोजित दो दिवसीय प्रांतीय सेमिनार के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।

भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा आयोजित सेमिनार के विषय ‘प्राथमिक शिक्षाः दशा और दिशा’ से स्पष्ट है कि शिक्षक वर्ग शिक्षा में गिरते स्तर में सुधार लाने के लिए प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दूर दराज क्षेत्रों तक शिक्षा का विस्तार हुआ है। प्रतिस्पर्धा के इस युग मे अध्यापकों को पढ़ाई में गुणवत्ता लाने के लिए अथक परिश्रम करना होगा। उन्होंने कहा कि अध्यापक प्राईमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए पंचायत जन प्रतिनिधियों तथा अभिभावकों का सहयोग लेना सुनिश्चित करें।

उन्होंने शिक्षक महासंघ को निजी स्वार्थों को त्यागकर शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में अपनी सहभागिता दर्ज करवाने का आग्रह किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षक महासंघ की पत्रिका ‘प्राथमिक शिक्षाः दशा और दिशा’ का विमोचन भी किया।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए विद्यालयों में ‘जॉय ऑफ़ लर्निंग सैशन’ आरंभ किए जाएंगे, ताकि शिक्षण ज्ञान बढ़ाया जा सके। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए पाठशाला में सभी बुनियादी सुविधाएं होना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए प्रदेश सरकार एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री आदर्श विद्या केंद्र’ आरंभ करेगी।

इस योजना के अंतर्गत चरणबद्ध तरीके से सभी विधानसभा क्षेत्रों में जहां नवोदय विद्यालय या एकलव्य विद्यालय नहीं हैं, वहां पर एक आदर्श आवासीय विद्यालय स्थापित करेगी। इसमें सभी सुविधाओं के साथ निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी तथा छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध होगी। प्रथम चरण में ऐसे 10 आदर्श विद्यालय स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए 25 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।

उन्होंने गुणात्मक शिक्षा में वृद्धि व सुधार लाने के लिए शिक्षक संघ व अध्यापकवर्ग के सुझावों को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्थानांतरण नीति में परिवर्तन लाने पर विचार कर रही है। लोक सभा सांसद वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र व समाज की आधारशिला होती है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा में यदि बालकों को सही दिशा दी जाए तो वह आदर्श नागरिक बन सकते हैं। हमारे अध्यापक वर्ग तथा अभिभावकों का कर्तव्यों बनता है कि वह अपने बालकों को अच्छे संस्कार प्रदान करें।

प्रांतीय सेमिनार के दौरान राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री व अन्य प्रतिनिधियों ने प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या को बढ़ाने बारे प्रेजेंटेशन दी। इस अवसर पर सांसद लोकसभा वीरेन्द्र कश्यप, उपाध्यक्ष प्रदेश महिला मोर्चा रूपा शर्मा, पार्षद बिटटू पान्ना, उपमंडलाधिकारी शिमला शहरी नीरज चांदला, अखिल भारतीय राट्रीय शिक्षक महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री पवन मिश्रा, प्रांत अध्यक्ष रजनीश चैधरी, प्रांत महामंत्री जगवीर चंदेल प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी लेखराज शर्मा, प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर नरेंद्र सूद तथा शिक्षक वर्ग उपस्थित थे।

Previous articleधमून में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित 
Next articleचांशल में अंतर्राष्ट्रीय स्नो बोर्ड चैंपियनशिप का शुभारंभ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here