कीकली रिपोर्टर, 5 अप्रैल, 2019, शिमला

अक्षम बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अभी संस्था ने जो बीड़ा उठाया है उसको गति में लाने के लिए विश्व की सर्वश्रेस्ठ एंडरिज कंपनी भी अपना योगदान देने में आगे रही है । आठ वर्षों के थोड़े से समय में ही इस कंपनी ने बच्चों को लाने व ले जाने के लिए तीसरी वैन दान स्वरूप दी है । अभी संस्था को वैन दान करते समय कंपनी के सी.ई.ओ डॉ. जर्सिक उल्मेर ने कहा की विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज को आगे आना चाहिए ताकि बच्चे किसी पर निर्भर न रहे ।

इस अवसर पर डॉ. उल्मेर ने कहा की विश्व में लाखों अक्षम बच्चे हैं जिनकी सहायता के लिए सैंकड़ों कंपनियाँ हाथ बढ़ा रही हैं । अक्षम बच्चों की सहायता के लिए केंद्र व राज्य सरकारें भी अपना महत्वपूर्ण  योगदान प्रदान कर रही हैं लेकिन सरकार की कोशिशों से अधिक समाज के सभी वर्गों को ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है । इस अवसर पर कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप श्रीवास्तव ने कहा की कंपनी विश्व के 180 देशों में अपना कारोबार कर रही है और हजारों लोगों को रोजगार दे रही है ।

विश्व की ये कंपनी हायड्रो ऐसी कंपनी है जिसने वर्ष 1902 में एशिया का पहला हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाया और तत्पश्चात भारत के कई राज्यों में प्रोजेक्ट बनाने के कार्य को अंजाम देती आई है । हाल ही में रामपुर, कढ़छम वांगतू, सांग-टाँग व कई अन्य प्रोजेक्ट में कंपनी ने अपनी मशीनरी दी है । कंपनी ने अभी संस्था को हर संभव सहायता देने का बीड़ा उठाया है ।

इस अवसर पर अभी संस्था की अध्यक्षा मीनू सूद ने बताया कि विशेष बच्चों को संस्था आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है ताकि उन बच्चों को दूसरों के ऊपर आश्रित न होना पड़े और अपने जीवन को अपनी मर्जी से जी सकें वही रोज़मर्रा कि ज़िंदगी को सही ढंग से जीने में भी सक्षम हो सकें ।

Previous articleस्वर्ण स्कूल में शपथ समारोह – उतरदायित्व को सही से निभाने को प्रेरित
Next articleबिशप कॉटन छात्रों को पहला ‘सेकेंड फ्लैट ग्रीन मैदान’ समर्पित

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here