बानी सिमर कौर, शिमला

पलकें झपके,
या आँसू टपके,
हर पल वो मुझे सहलाती।
जब-जब मैं रोती,
तब-तब वो आती,
मेरी सहमी आँखों को,
पल में खुश कर जाती।
मेरी हर गलती को,
अनदेखा कर देती,
तभी तो यह,
माँ कहलाती।
पूरी दुनिया के लिए,
यह होगी एक माँ,
पर मेरे लिए,
यह हैं पूरी दुनिया ।

Previous articleशैमरॉक रोजेंस स्कूल के बच्चों ने धूमधाम के साथ मनाया मातृ-दिवस
Next articleInsulting Simple Living for Joys

2 COMMENTS

Leave a Reply to Sonia Dogra Cancel reply

Please enter your comment!
Please enter your name here