मनप्रीत कौर

मत देख की कोई शख़्स गुनहगार कितना है,

ये देख की तेरे संग वफादार कितना है ।।

मत सोच कि उसे नफरत है,

ये देख कि उसे तुझसे प्यार कितना है ।।

मत देख कि वो तन्हा क्यूँ बैठा है इतना,

ये देख उसे तेरा इंतजार कितना है ।।

बेशक तेरे आशिक का तुझ बिन कुछ नहीं,

देख जरा वो तेरा तलबगार कितना है ।।

मत ले अपने आशिक का इम्तिहान,

बता उसको कि वो तेरा हकदार कितना है ।।

मत देख कि दिल से तन्हा कितना है ।

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