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खिल सकते है दबे हुए मसले हुए फूल शर्त ये है उन्हें सिने से लगाना होगा|

शिष्टाचार — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह भोला राम जिसे प्यार से गाँव के सभी लोग भोलू कहकर पुकारते थे, आरम्भ से ही न केवल कुशाग्र बुद्धि का स्वामी था अपितु अत्याधिक मेहनती भी था | यही...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

संतुलन — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह शिमला जैसे सर्द शहर में, सर्दी की परवाह किये बगैर विनय अपने कमरे में बठकर कंप्यूटर के साथ माथा-पच्ची कर रहा था जबकि उसकी पत्नी और बच्चे बाहर खिली हुई...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

खुशियों की चाबी — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह श्याम प्रसाद जी अपने तीनों पुत्रों, पुत्र-वधुओं तथा पोते-पोतियाँ संग सड़क पर खड़े होकर अपने भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे |...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

उड़ान — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह विवाह के लगभग तीन साल बाद केसरो अपने गांव की सबसे सुघड़ महिला जिसे सभी लोग प्यार से ‘मौसी’ कहते थे, से मिलने आई थी | अकसर बेटियाँ विवाह उपरांत...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

आचरण — लघु कथा; रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह उस दिन स्कूल में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह था, प्रधानाचार्य राम प्रकाश जी ने ओजस्वी भाषण देते हुए स्पष्ट किया, “लोग हमारी बातों से नहीं, हमारे आचरण से सीखते हैं,...
Love Story

Golden Radiance and Silver Luminescence: A Love Story

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Khushboo Agrahari, New Delhi Once upon a time, in a celestial realm far beyond the reach of humanity, there existed a magical love story between the Moon and the Sun. They were...

जल्लाद बुढ़िया — जयवन्ती डिमरी

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जयवन्ती डिमरी आज सुबह शोरगुल से फिर उसकी नींद खुल गयी। खिड़की खोलकर बाहर झांका। बिल्कुल घुप्प अंधेरा था। उसने जी-भर कर इस मोहल्ले को कोसा। चार पैसे बचाने के चक्कर में...

कागज़ की नांव — डॉ उषा बन्दे

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डॉ उषा बन्दे बाहर मुसलाधार बारिश हो रही थी। लंच ब्रेक की घंटी बजी। बच्चों को ताकीद मिली कि लंच ब्रेक में कोई भी बाहर नहीं जाएगा। कक्षा में बैठकर ही खाना खाएं।...
जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

अभाव की राजनीति (बाल कहानी) — रणजोध सिंह

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रणजोध सिंह सिद्धार्थ जी, यूं तो सरकारी स्कूल में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक थे, मगर फिर भी गांव के लोग उन्हें मास्टर जी तथा बच्चे गुरु जी कहकर ही पुकारा करते थे...

चित्रा की चिट्ठी और अन्य कहानियां — प्रख्यात लेखक उषा बंदे की पुस्तक का...

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प्रख्यात लेखक उषा बंदे की पुस्तक का विमोचन और काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । 'चित्रा की चिट्ठी और अन्य कहानियां' पर मुख्य वक्ता मीनाक्षि फेथ पॉल ने किताब की...

प्रेमचंद और प्रेमचंद… Book is About the Life & Works of Dr Sushil Kumar...

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https://youtu.be/6ZHmph-3z10 https://youtu.be/L842Uy-M-Vk एक वीडियोग्राफी और फोटो फीचर प्रेमचंद और प्रेमचंद पुस्तक डॉ. सुशील कुमार फुल्ल और सुदर्शन वशिष्ठ के जीवन और कार्यों के बारे में है, जिसका विमोचन आज यहां ब्रूज़ एंड बुक्स कैफे,...

धंसाव

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रोमिता शर्मा    मासूम व अबोध बालक टिक्कू बचपन से ही घर के ठीक सामने सीना ताने पहाड़ को देखता आया था । सुबह-सुबह जब नीदं खुलती तो पहाड़ के पीछे से आती...