राजेश शर्मा, कीक्ली रिपोर्टर, 4 अक्टूबर, 2017, शिमला
जाखू स्कूल शिमला में छात्रों को शारीशिक शोषण व तनावमुक्त रहने के उपाय विशेषज्ञों द्वारा बताए गए। स्कूल में मनोचिक्तिसक द्वारा बच्चों की काउसंलिंग की गई, जिसमें छात्रों को सोशल मिडिया के बोर में जानकारी दी गई। वहीं बच्चों को मानसिक तनाव से कैसे मुक्त किया जा सकता है, इस बारे में भी जानकारी प्रदान की गई।
आईजीएमसी के मनोचिक्त्सिक डॉ. रवि चन्द शर्मा ने स्कूल में बच्चों को इन्टरनेट और सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में अवगत करवाया। उन्होने कहा कि यह सही है कि आधुनिक युग में इन्टरनेट के बिना जीवन की कल्पना नहीं कि जा सकती है और इसके बिना जीवन अधूरा है लेकिन इसके बहुत से दुष्प्रभाव भी है जो इसके ज्यादातर इस्तेमाल से हमारे ऊपर होते है। उन्होंने बच्चों को सुझाव दिया कि इंटरनेट के सदुपयोग करना बहुत जरूरी है। इसका सदुपयोग करके ही इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। बच्चो को शारीरिक शोषण से बचने के लिये भी जागरूक किया गया। विद्यालय के सभागार में चलचित्र के माध्यम से बच्चों को नशे से दूर रहने का संदेश भी दिया गया।
नशे के लत से क्या नुकसान होते है और इस जाल से कैसे निकला जा सकता है इसके बारे में छात्रों को चलचित्र के माध्यम से बताया गया। छात्रों को इस दौरान मनोबल को बढ़ाने के उपाय बताए गए। इस कार्यक्रम में विद्यालय की मुख्याध्यापिका बबिता चौहान के साथ- साथ सभी शिक्षकों ने भाग लिया। बच्चों ने इस कार्यक्रम के दौरान मानसिक तनाव से बचने के लिये डॉ. शर्मा द्वारा लिखित एक प्रतिज्ञा ली। कार्यक्रम में बच्चों ने भी कई सवाल किए जिनका जवाब डॉक्टर द्वारा छात्रों को दिया गया। कार्यक्रम के अन्त में संस्कृत शिक्षक डॉ. नन्दलाल भारद्वाज ने डॉ. रवि चन्द शर्मा का धन्यवाद करते हुए बच्चों को उनके द्वारा बताये गये उपायों को जीवन में अनुसरण करने का आवाह्न किया।
इस अवसर पर स्कूल की मुख्याध्यापिका ने कहा कि इस तरह के आयोजनों की शुरूआत बच्चों के लिए आवश्यक है। आधुनिक युग में बच्चें इंटरनेअ और सोशल मिडिया के अधिक इस्तेमाल से तनाव का शिकार हो रहे है । ऐसे में डॉक्टरों द्वारा दी गई राय छात्रों के बेहद काम आएगी।