कीक्ली रिपोर्टर, 9 सितम्बर, 2017, शिमला
शैमरॉक डैज़लर्स प्ले स्कूल, शिमला, में खसरा व रूबेला टीकाकरण (Measles and Rubella Vaccination) किया गया जिसमे नन्हे-नन्हे बच्चों को टीका लगाया गया I प्रधानाचार्या शैलजा अमरेईक व स्टाफ की समस्त सदस्यों द्वारा डॉक्टर जय प्रकाश, गुरुदेव सिंह व अन्य कर्मचारियों का स्वागत व इस कार्यक्रम में पधारने पर धन्यवाद किया |
इस अवसर पर डॉक्टर जय प्रकाश ने बताया कि ठंड के बाद जैसे ही गर्मी शुरू होती है, कई बीमारियों के वायरस होश में आकर हवा में घूमने लगते हैं। उनमें खसरा रूबेला का वायरस भी है। यह वायरस दुनिया के लिए अब भी चुनौती है। विकसित देश जो बैक्टीरिया, वायरस से होने वाली बीमारियों से सुरक्षित समझे जाते हैं वहां भी खसरा रूबेला के मामले सामने आए हैं। पांच साल के दौरान बच्चों की मौत का एक कारण खसरा रूबेला भी है। यह बीमारी कई बार महा मारी का रूप धारण कर चुकी है I
सरकार की ओर से खसरा का टीका मुफ्त प्रदान किया जाता है। यह सरकारी अस्पताल, आंगनवाड़ी केन्द्रों और सरकारी डिस्पेन्सॅरियों में उपलब्ध रहता है। खसरा को लेकर कई तरह की भ्रांतियां पाई जाती हैं। इससे बचाव के लिए लोग देसी नुस्खे और टोटके अपनाते हैं। जबकि डॉक्टरों का यह मानना है कि खसरा से बचाव टीके के द्वारा ही संभव है। रोग होने के बाद उसकी कोई दवा नहीं है केवल सावधानी बरतनी होती है। टीका लगा हो तो इस वायरस का जो हवा में घूमता रहता है प्रभाव नहीं होता। खसरा के दो टीके पूरे जीवन के लिए पर्याप्त हैं। रूबेला अगर किसी गर्भवती महिला को हो जाये तो उससे पैदा होने वाला बच्चा अंधा, कमजोर, मानसिक और शारीरिक तौर पर अपंग या किसी कमी का शिकार हो सकता है।