आयुष ठाकुर,  शिमला

सबसे प्यारे सुपर कूल मेरे पापा,
रोज़ सुबह हम सैर पर जाते,
खेल खेल में होमवर्क कराते,
छोटी सी खरोंच आने पर,
वह डर बहुत हैं जाते,
हर ज़िद मेरी पूरी करके,
ढेरों खिलोने है दिलाते,
डांट में उनकी छुपा होता है प्यार,
सही गलत में फर्क,
करना भी है सिखाते,
मुझे पढ़ता, बढ़ता देख,
खुश वह बहुत हो जाते,
उनके सारे सपने मुझ पर,
आकर रूक जाते,
बनो जीवन में अच्छा इंसान,
यही सीख रोज़ सिखलाते,
मेरे पापा सबसे प्यारे,
सुपरमैन, सुपर कूल I

Previous articleGovernor Honours Nurses on International Nurses Day
Next articleमाँ को नमन

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here