कीकली रिपोर्टर, 23 सितम्बर, 2018, शिमला
शिमला 23 सितम्बर, छात्रों को राष्ट्रभक्त तथा संस्कार सम्पन्न बनाने के लिए केवल अध्यापक वर्ग ही नहीं अपितु माता-पिता की भी अहम भूमिका है। वर्तमान परिपेक्ष्य में अभिभावकों को अपने बच्चों के प्रत्येक क्रिया-कलाप पर कड़ी नजर रखने की बहुत आवश्यकता है, यह विचार आज कृषि, सूचना प्रोद्यौगिकी एवं जनजातीय मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने गेयटी थियेटर में राष्ट्रीय विद्या केंद्र कसुम्पटी के 25वें वार्षिक उत्सव की अध्यक्षता के उपरांत प्रकट किए।
स्कूल की प्रधानाचार्य सुनिता चौहान ने विद्यालय के शैक्षणिक व अन्य विभिन्न प्रतिस्पधाओं में उत्कृष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों बारे महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस अवसर पर स्कूल की प्रत्येक कक्षा के छात्रों ने देश प्रेम, योग व स्वास्थ्य, राजस्थानी, भांगड़ा, नाटी, गिद्धा प्रस्तुत किया। ‘भक्त नामदेव’की भगवान के प्रति आस्था पर मार्मिक लघु नाटिका का मंचन किया गया।
मार्कण्डेय ने कहा कि शिक्षा से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होता है इसलिए अध्यापकों और अभिभावकों का दायित्व है कि छात्रों को ऐसी शिक्षा प्रदान की जाए, जिससे वह देश के निर्माण में अपना दायित्व पूर्ण कर सके। सरकार द्वारा शिक्षा के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं आरंभ की गई हैं, जिससे शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन सम्भव है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा छोटे बच्चों को घर-द्वार पर आधार कार्ड बनाने की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश के 800 आंगनबाड़ी केंद्रों तथा 250 अस्पतालों में टेबलेट प्रदान किए गए हैं। सरकारी स्कूलों में छात्रों को आधार कार्ड बनाने की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभाग द्वारा निजी स्कूलों को भी मांग के अनुरूप आधार कार्ड बनाने की सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में छात्रों के प्रति माता पिता का दायित्व अध्यापकों की अपेक्षा बहुत अधिक बढ़ गया है। समाज में बढ रहे विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थो से युवाओं को दूर रखने के लिए अभिभावक व समाज के प्रत्येक नागरिक को सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को न केवल स्वयं बल्कि अपने मि़त्रों को भी नशीले पदार्थाे से दूर रखना होगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विद्या केंद्र कसुम्पटी छात्रों के सर्वागीण विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने स्कूल की प्रधानाचार्य व उनके अध्यापक वर्ग के अथक परिश्रम की प्रशंसा कीं ।